Wednesday, 24 February 2016

YADUVANSHI KSHATRIYA

जादौन क्षत्रिय राजवंश ::-- 
यदुवंशी क्षत्रिय ( जादौन/जादव , जाडेजा , भाटी और चुडासमा ) .. जय चंद्रवंशीय अवतार भगवान श्री कृष्णा .. जय श्री ठाकुर जी महाराज...
इन वीर क्षत्रियों के इतिहास के वर्णन से पूर्व इनकी उत्पति के बारे में विचार करते हे |
आदिकालीन ऋषि अत्रि के वंशज सोम की संपत्ति (सोमवंशी ) चंद्रवंशी कहलाये। इस वंश के छठे (6th) चंद्रवंशी राजा ययाति के पुत्र चंद्रवंशी राजा यदु के वंशज "यदुवंशी" कहलाये। यदुवंश की 39वी पीढ़ी में श्री कृष्णा हुए और वही श्री कृष्णा से 88वी पीढ़ी के राजा भाटी अंतिम यदुवंशी शासक हुए। अंतिम यदुवंशी शासक से अभिप्राय यह कि राजा भाटी के बाद यदुवंश यादों , भाटी , जाडेजा और चुडासमा उपशाखाओ से जाना गया। यादों से जादों और फिर जादौन/जादव ,, इस प्रकार यदुवंश में भाटी , जादौन/जादव , जाडेजा और चुडासमा ( जाडेजा और चुडासमा गुजरात में सबसे ज्यादा है ) राजपूत वंश चले। वर्तमान में करोली ( राजस्थान ) यदुवंशी जादौन ( जादव ) राजपूतो की सबसे बड़ी रियासत है।जिसकी स्थापना 13वी शताब्दी में हुयी थी।
करोली राजघराने से आकर ठाकुर छतरभुज सिंह जी ने उत्तर प्रदेश के एटा जिले में अबागढ़ जागीर वसाई। (Thakur Chhatarbhuj Singh was founder of the present jagir of Awargarh in 1701) राजा बलवंत सिंह (Raja Saheb of Awagarh 1892/1909) अबागढ़ जागीर के वहुप्रसिद्ध राजा हुए है , इन्होने कॉलेज निर्माण के लिए हजारो एकड़ जमीन दान में दी। जहा उनकी म्रत्यु (1909) के बाद उनके नाम से "राजा बलवंत सिंह कॉलेज " आगरा में बनवाया गया।
जादौन राजपूतो के ठिकाने -अबागढ़ , मिश्रा , सोमानी (अलीगढ ) अलीगढ जिले में लगभग ८०-१०० गाँव है। , कोटला ,रहिहाबाद , शमशाबाद (आगरा ), मुसफाबाद ,घिरौर (मैनपुरी ) , सिरसागंज (फिरोजाबाद ) ,सिरसागंज के आस -पास जादौन राजपूतो के लगभग 84 गाँव है। यहा जादौन राजपूत करौली और बयाना के क्षेत्रो से संवत 1400 से 1600 के बीच में आ कर बसे | अडीग ( मथुरा ) , कौल ,हसनगढ़ , अकबराबाद, सिकदाराराम , खैर , किरावली , जेवर ( बुलन्दशहर ) इसके आलावा बुलन्दशहर में लगभग १००-१५० गाँव ऐसे है जहा जादौन राजपूत बहुतायत में है। आदि उत्तरप्रदेश में जादौन राजपूतो के ठिकाने है। इस प्रकार उत्तरप्रदेश में लगभग ४००-४५० गाँव जादौन राजपूतो के है। उत्तरप्रदेश में बसे ज्यादातर जादौन करोली से आये अपने पूर्वजो की संतान है। करोली जिले में जादौ पट्टी में 37 जादौन के ठिकाने है। भिंड और मुरैना मध्यप्रदेश में भी जादौन के लगभग 30 गाँव है। कुछ के नाम यहाँ उपलब्ध है - ( मुरैना ->> चचिहा ,धमकन,अटा, कीरतपुर, सुमावली, नरहेला, बुरावली,शहदपुर, बडोना, बांसी, गढ़ी ,हथरिया ,घुरघान, केमरा। भिंड -->> सोंधा,मानपुरा,चंदपुरा, विजयपुरा,जेतपुरा,रसनोल, पीपरपुरा, बिरखड़ी , अटर तहसील में उडोतगढ़ ) .. मुरैना के पास सबलगढ़ में हीरापुर गाँव के आसपास बहुतायत में जादौन राजपूत बसे है। लगभग 50 गाँव है। राजस्थान के धोलपुर और भरतपुर के डीग में 15-20 गाँव हे।
करोली के जादौन श्री कृष्णा जी की 64वी पीढ़ी से है।
करौली जिले में जितने भी जादौन है उनकी 52 तड़े (शाखा) हैं। करौली जिले में जादौन तड़ है -गौंजा, पाल, मुकुन्‍द, रेदास, आदि है.
नोट - इन्दु और सोम संस्कृत में चन्द्र के पर्यायवाची है.. इसलिए चन्द्र-वंश , सोम-वंश अथवा इन्दु-वंश किसी भी शब्द का प्रयोग किया जा सकता है... संभवतः वर्तमान हिन्दू शब्द का मूल भी इन्दु ही हो। यदुवंश की ८ शाखाये बताई जाती है,,,
यदु (जादव /जादौन ) --- करोली का राजवंश
भाटी ---- - जैसलमेर का राजवंश
जाडेजा --- कुच्छ भुज का राजवंश
समैचा --- सिंध के मुसलमान
वाकी के बारे में कोई ठोस प्रमाण नही है..
जाडेजा और चुडासमा दोनों के बारे में ऐसा मत है की ये समा में से अलग हुए है,, जो की यदुवंश का हिस्सा था..

** इस लेख में मौजूद जादौन राजपूतो के ठिकाने के अलावा भी पूरे भारत में जादौन राजपूतो के और भी कई ठिकाने है , लेकिन जानकारी के आभाव में उनके नाम यहाँ उपलब्ध नही है।
** कुछ जगह करोली की स्थापना 15वी शताब्दी में हुयी बताई गयी है।
** चन्द्रवंशी राजाऔँ (श्रीकृष्ण के वंशज) कि अब तक 9 राजधानीयाँ जिनमेँ गजनी भी एक है के लिए कहा जाता है-
काशी मथुरा प्रयागबड़ गजनी अर भटनेर,
दिगम दिरावल लुद्रवो नौवोँ जैसलमेर।
यदुवंशी उत्पत्ती के बारेमे
अग्निपुराण प्रमाण है उसमे
अध्याय 274 मे सोमवंश के वर्णन मे लिखा है कि," भगवान विष्णु के नाभिकमल से ब्रह्माजी,ब्रह्माजी से महा ऋषी अञि,अञि से
सोम,सोम से बुध एवं
पुरुरवा,पुरुरवा से आयु और आयु से नहुष हुए जिन्होने देश मे सर्वप्रथम चंद्रवंश कि स्थापना कि "

साभार - लेख के तथ्य संदर्भित पुस्तक- "हमारे गौरव " (लेखक- गौपाल सिंह राठोड़ जी) और कई वेब साइटों पर आधारित हैं!!

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Published by:- Yaduvanshi Kunwar Abhay Pratap Singh

Saturday, 20 February 2016

YADUVANSHI RAJPUTS

1st Century AD, Yaduvamshi Rajput empire of Samrath Gajasena was the bulwark of Aryas against the thieving mleccha empires of Khushana who ruled from Khorasan and Indo-Greek traitors who betrayed Aryavart and its culture by adopting Hellenism.

Khushanas had assembled 400,000 horses along with endless infantry and formidable elephant units.
On the advice of Goddess Jwala, Gajasena built a fortress on the site of Ghazni. Despite the overwhelming number of the enemies the great scion of Krishna's blood decided to fight.
Thursday, the 13th of Magha was chosen as the auspicious day for the battle. During the battle the Khushana king died. Indo-Greeks lead the command and their allied troops marched like the waves of ocean, just to be butchered at the hands of Gajasena's brave soldiers.


After the victory- on 3rd of Baisakh, 3008 Dharmaraja Yudhisthira Samvat, Samrath Gajasena ascended on the throne of Ghazni as a victor.

He conquered all foes around his kingdom and created a large empire. Married the princess of Kashmir and through her was born Shalivahana, the greatest king of Yadu's children after Shri Krishna himself.


A decade later, daitya alliance of same foes managed to capture Ghazni and the heroic johar and saka followed there. While Samrath Gajasena was privileged to attain the priced martyrdom fighting on the front, his uncle Sahadeva defended the fort to the very last and attained same status.
Shalivahana will grow up to became the greatest enemy of the mleccha and destroyed them from the entire North-West Aryavart. 


Special thanks to:- http://rajputanasoch-kshatriyaitihas.blogspot.in/

YADUVANSHI JADON KE THIKANE

यदुवंशी क्षत्रिय ( जादौन/जादव , जाडेजा , भाटी और चुडासमा/रायजादा/सरवैया )
जय चंद्रवंशीय अवतार भगवान श्री कृष्णा। जय श्री ठाकुर जी महाराज ।।
उत्तर पदेश में यदुवंशी जादौन/जादव राजपूतो के ठिकाने -
1.मथुरा जिले में छाता तहसील में बरसाना ,चोमहा,कोसीकला,नौझिल,एवम् दो गांव -बन्दी और रसमहि आदि 52 गांव है |
2. हाथरस में सासनी ,हाथरस ,हसायन के पास लगभग 20 गांव और सिकन्दराहु तहसील में लगभग 25 गांव और विजयगढ़ के पास 15 गांव जादौन/जादव के है |
3. एटा जीले में जादौन/जादव के ठिकाने केवल जलेसर ब्लॉक , अवागढ़ ब्लॉक में है
4. फिरोजबाद जिले में नारखी ब्लॉक, टूंडला के पास कुछ गांव और सिरसागंज (तहसील-शिकोहाबाद ) में लगभग 84 गांव ही जादौन/जादव के है |
5.अलीगढ़ जिले में सबसे अधिक जादौन/जादव के ठिकाने है जो विशेषकर कोल,अकरबाद,लोधा,कुछ गांव अतरोली के पास , धनीपुर ब्लॉक ,गभाना ,खेर चनदौस , बरोली के पास काफी जादौन/जादव के ठिकाने है।
6. बुलन्द्शहर जिले में पहासु ब्लॉक ,अर्निया ब्लॉक ,खुर्जा ब्लॉक ,बुलन्दशहर के पास ,झाझर ब्लॉक ,सिकन्धराबाद ब्लॉक ,जेवर ब्लॉक ,दनकौर ब्लॉक-चोकी ,खाजपुर ,सुअरा,इनायदपुर शिकरपुर ब्लॉक -बनवारीपुर ,रजपुरा,बेलोठ
7.गाजियाबाद जिला -खेरा और हरोडॉ
8.गौतम बुध नगर -महमुदपुर जादौन ,हाजीपुर ,मारेहरा ,बोहरा,धुभली
9.मुरादाबाद जिले की चन्दौसी के पास 2 गांव समधपुर और नरोली |
राजस्थान में यदुवंशी जादौन/जादव राजपूतो के ठिकाने -
1.करौली जिले में 100 गांव है।
2.बयांना के पास 5 गांव।
3.भरतपुर जीले में डिंग के पास 25 गांव जदोनो के है |
4.कुछ जदोनो के ठिकाने चितोढ़,उदैपुर ,बूंदी ,बारा ,राज सम्बन्ध जिलो में है जिनके बारे में कम लोगो को जानकारी है|
मध्य पदेश में यदुवंशी जादौन/जादव राजपूतो के ठिकाने -
मुरैना जिले में सबलगढ़ में 50 गांव ,भिंड और मुरैना के पास में 25 गांव
2.बीदसा जिले ,गुना,अशोक नगर ,रायसेन और होसंगाबाद जिलो में जदोनो के लगभग 100 गांव है ।
गुजरात में यदुवंशी जादौन/जादव राजपूतो के ठिकाने -
मैत्राल, जिला- पंचमहाल, 42 village's 1348 में जब करौली पर आक्रमण हुआ तो कुछ यादव भागकर गुजरात के पंचमहल के पास बस गए, जो जादव कहलाते है।
M.P. के अलीराजपुर जिले में और
कट्ठीवाड़ा भी जादव का एक ठिकाना है।
जय जादवराय श्रीकृष्ण जी महाराज।। जय ठाकुर जी महाराज।।
जय जादव। जय माधव ।।
लेखक - क्षत्रिय पवन प्रताप यदुवंशी ठिकाना-- गाँव सराय हैवतपुर सिरसागंज के पास जिला-फीरोजाबाद यूपी ।